कल रामायण का एपीसोड देखा और उसमे मुख्य बिंदु उभर कर जेहन में रुका,,, अंतिम रात,,,।
भगवान राम के शरीर पर आई खरोंच पर उनके भाई लक्ष्मण दवाई लगा रहे है और उनकी सेना के सभी सदस्य मिलकर आने वाली सुबह की रणनीति तैयार करने में जुटे है,,,,,अनुभव की मिसाल कहे जानें वाले जामवंतजी,,, वीर हनुमानजी,,,सहित सभी यौद्धा योजनाओं को अंतिम रूप दे रहे है,,,,,,,,,,
,,,,,दूसरी तरफ,,,
,,,,,,रावण
,,,,,,अपने सभी पुत्रों,,,, भाइयों को खोकर,,,,,,अपनी धर्म पत्नि मन्दोदरी के हाथों अपने घावों पर मरहम लगा रहा है,,,,,,,,
एक तरफ बुलंद हौसलों से युद्ध की नीतियों पर विचार विमर्श,,, तो दूसरी तरफ सभी अपनों को खोने के बाद युद्धभूमि में उतरने के लिए साहस की तलाश,,,,,,,
,,,,,,मंदोदरी के आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे है अपने पति से युद्ध भूमि को छोड़ने की रट लगाए हुए,,,,, रोती हुई अपने पति की गलतियों और असफलताओं को लगातार अंडरलाइन कर रही है,,,,,,
लेकिन,,,,,,, सब कुछ जानकर भी अनजान बन कर साहस जुटाने में लगा है,,,,,रावण ।
पिछले जीते हुए युद्धों की कहानी,,,,,
अपने पास देवताओं से प्राप्त अस्त्र,,शस्त्र,,,,,
भगवान शिव से प्राप्त वरदान,,,,,,
अपने नाम से काँपते हुए पूरे ब्रह्मांड का ज़िक्र,,,,,
,,,,,,,,,मित्रों,,,,
,,,अगर इन सभी बातों को सेल्फ मोटिवेशन (स्वप्रेरणा) नाम दे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी,,,
,,,,,अंतिम दिन जब रावण अकेला युद्धभूमि में जा रहा है जब सेना के अतिरिक्त उसका अपना कोई भी साथ नहीं है फिर भी मन्दोदरी से जीत का वादा करके जाता है,,,,
,,,,,,,,,
मित्रों,,, भगवान श्री राम के जीवन से तो हर बात सीखने लायक है ,,,,,,अनुकरणीय है,,,,लेकिन,,,
रावण के जीवन में आई इस प्रतिकूल परिस्थिति से भी हम यह सीख ले सकते है कि जब मनुष्य चहुँओर मुसीबतों से घिर जाता है तो अपनी पिछली सफ़लताओं को याद करके साहस जुटा कर समस्याओं से मजबूती से भिड़ने के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए,,,,,
,,,,,जीवन में कई क्षण ऐसे आते है जहाँ हम अपनी भूलों,,, गलतियों के कारण पिछड जाते है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जीवन की इति श्री हो गयी,,,,,,
,,,,,यहाँ महान कवि नीरज की पंक्तियों का उल्लेख करना प्रासंगिक होगा,,,,,
"छिप छिप अश्रु बहाने वालों,,,, मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से,,,,जीवन नहीं मरा करता,,,,"
सभी मित्रों का आभार ।।
0 टिप्पणियाँ
Please do not spam massage