motivation true story ...एक वाकया जो कहानी बन गया .....
,,,,स्कूल में छुट्टी हो गई थी हमेशा की तरह सबसे पहले पहली कक्षा को एक लाइन बना कर आहिस्ता से रवाना किया,,,,नन्हे विद्यार्थी खुश होकर बाहर आ रहे थे,,,,
motivational story for kids
,,,,,मैं मुख्य द्वार पर खड़ा था,,,,,,,,,
देखा कि एक पहली कक्षा की नन्ही बालिका अपने चप्पल पहने ,अपना बस्ता पीछे लटकाए लेकिन,,,,, दोनों हाथों में दो काले रंग के बड़े जूते लेकर खुशी से नाच रही थी,,,,,मैं संशय में था,,कुछ पूछना चाहता था लेकिन वो अपने गाने ,,,नाचने में मग्न थी,,,,,
,,,अब पहली कक्षा के बाद दूसरी कक्षा की लाइन आनी शुरू हो गयी,,लेकिन वो बालिका अभी भी गाना गाती हुई मेरे बगल में नाच रही थी,,,,इस बात से बेखबर की उसे कोई देख रहा है,,,,,,
motivation story for student
,,,,,अब मुझसे रहा नहीं गया,,,,आवाज दी मैने,,,, बेटी रिया,,,,ओ रिया,,,,,,,,,,
,,,,,,,एक पल के लिए ठिठक गई,,, जैसे कोई चोरी पकड़ी गई हो लेकिन जब मै नहीं हँसा तो सामान्य हो गई,,,,,,
बिल्कुल अनजान बन कर मैने सवाल किया,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,
,,,,बेटा ये अपने चप्पल आपने पहन रखे है तो फिर ये आपके हाथ में दूसरे और जूते,,,,,???
ये उसके है सर,,,,,,,,,,,,,,
निशु भाई के,,,,,,,,,,,,,,निशु भाई,,,,???
मैंने बिना रुके प्रश्न किया,,,,,,,,,,,
,,,,निशांत मेरा भाई जो छठी कक्षा में पढ़ता है,,,अभी वो थोड़ी देर से आएगा,,,जब उसकी कक्षा की लाइन आएगी,, ,,,,,लेकिन सर उसके ये जूते उसको बाद में नहीं मिलते है,,,,,यहाँ भीड़ हो जाती है,,,,,,,वो खोजता रहता है,,,,,,,,,भीड़ में दूसरे लड़कों के धक्के से नीचे गिर जाता है,,,,,एक दिन तो उसके माथे में लग गयी थी सर,,,,,,,,
,,,,,,,मैं,,,, लगातार बोली जा रही पहली कक्षा की एक छोटी सी जिम्मेदार बहन की बातों को गौर से सुन रहा था,,,,,
,,,,,,,अब वो घड़ी आ गयी ,,,,,अपना बस्ता उठा कर निशांत गेट पर जैसे ही पहुँचा,,,,
,,,,इधर,,,, इधर,,,,, निशु,,,,,मैं,,, यहाँ,,,,
आवाज सुनकर वो अपनी छोटी बहन की ओर मुड़ा,,,,, फिर दोनों पास बैठकर ,,,,रिशेस का बचा हुआ नाश्ता खत्म करते है,,,,,,,
,,,,,,,दोनों हाथ पकड़ कर घर की ओर रवाना होते है,,,,बाय बाय सर जी,,,,लेकिन निशु उसको चुप करता है,,,,,,,
मैने यह दृश्य देखा तो हजारों विचार उमड़ पड़े,,,,,,,,,
,,,,,कितनी ताकत है गांधीजी के फोटो वाले इन कागजी टुकड़ों में जो इन प्राकृतिक रिश्तों में खलल डालने की क्षमता रखते है,,,,,,,,,,,,,,
क्यों हर शख्स पैसों का पूजारी बनता जा रहा है,,,,,
,,,,,क्या इन रिश्तों की कोई मार्केट वैल्यू हो सकती है,,,,एक बहन छोटी होने के बावजूद अपने भाई के लिए इतना सब कुछ करके खुश हो जाती है,,,,,,निस्वार्थ प्रेम,,,,उसमें उसको कुछ भी नहीं पाना,,,,,कुछ भी चाह नहीं,,,,,,,
,,,,,,,,,लेकिन सालों बाद हम उलझ जाते है इस मायावी सँसार के रंगो में,,,,,,,,,,,,जिद्द रखते है बड़े बंगले,,, बैंक बैलेंस,,,,, गाड़ी वगैरह ,,,,वगैरह,,,
,,,,,,दोस्तों इस वाकये के माध्यम से एक बात साफ हो रही है कि माँ की ममता,,,,पिता के समर्पण,,,, भाई के मन में छुपे हुए भ्रातृत्व,,,बहनों के राखी सूत्र में लिपटी हमारे सुरक्षित जीवन की दुआओं का कोई प्रिंट रेट नहीं होता,,,हमें इनकी सिर्फ फीलिंग पॉवर डिवेलप करने की आवश्यकता है,,,,,,,,,,,,,
याद रहे हम उस भारतवर्ष में है जहाँ की धरती मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एवं श्री कृष्ण की लीलाओं की गवाह रही है,,,,,,,,जीवन के तमाम उतार चढ़ावों का सामना करते हुए हमारे रिश्तों को हमें सँजो कर रखना है,,,,,,
" जीवन जिओ तो ऐसा जिओ,,जिसमे जीने की आस हो
थोड़ी कृष्ण की लीला हो,,,थोड़ा राम का वनवास हो "
,,,,स्कूल में छुट्टी हो गई थी हमेशा की तरह सबसे पहले पहली कक्षा को एक लाइन बना कर आहिस्ता से रवाना किया,,,,नन्हे विद्यार्थी खुश होकर बाहर आ रहे थे,,,,
motivational story for kids
,,,,,मैं मुख्य द्वार पर खड़ा था,,,,,,,,,
देखा कि एक पहली कक्षा की नन्ही बालिका अपने चप्पल पहने ,अपना बस्ता पीछे लटकाए लेकिन,,,,, दोनों हाथों में दो काले रंग के बड़े जूते लेकर खुशी से नाच रही थी,,,,,मैं संशय में था,,कुछ पूछना चाहता था लेकिन वो अपने गाने ,,,नाचने में मग्न थी,,,,,
,,,अब पहली कक्षा के बाद दूसरी कक्षा की लाइन आनी शुरू हो गयी,,लेकिन वो बालिका अभी भी गाना गाती हुई मेरे बगल में नाच रही थी,,,,इस बात से बेखबर की उसे कोई देख रहा है,,,,,,
motivation story for student
,,,,,अब मुझसे रहा नहीं गया,,,,आवाज दी मैने,,,, बेटी रिया,,,,ओ रिया,,,,,,,,,,
,,,,,,,एक पल के लिए ठिठक गई,,, जैसे कोई चोरी पकड़ी गई हो लेकिन जब मै नहीं हँसा तो सामान्य हो गई,,,,,,
बिल्कुल अनजान बन कर मैने सवाल किया,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,
,,,,बेटा ये अपने चप्पल आपने पहन रखे है तो फिर ये आपके हाथ में दूसरे और जूते,,,,,???
ये उसके है सर,,,,,,,,,,,,,,
निशु भाई के,,,,,,,,,,,,,,निशु भाई,,,,???
मैंने बिना रुके प्रश्न किया,,,,,,,,,,,
,,,,निशांत मेरा भाई जो छठी कक्षा में पढ़ता है,,,अभी वो थोड़ी देर से आएगा,,,जब उसकी कक्षा की लाइन आएगी,, ,,,,,लेकिन सर उसके ये जूते उसको बाद में नहीं मिलते है,,,,,यहाँ भीड़ हो जाती है,,,,,,,वो खोजता रहता है,,,,,,,,,भीड़ में दूसरे लड़कों के धक्के से नीचे गिर जाता है,,,,,एक दिन तो उसके माथे में लग गयी थी सर,,,,,,,,
,,,,,,,मैं,,,, लगातार बोली जा रही पहली कक्षा की एक छोटी सी जिम्मेदार बहन की बातों को गौर से सुन रहा था,,,,,
,,,,,,,अब वो घड़ी आ गयी ,,,,,अपना बस्ता उठा कर निशांत गेट पर जैसे ही पहुँचा,,,,
,,,,इधर,,,, इधर,,,,, निशु,,,,,मैं,,, यहाँ,,,,
आवाज सुनकर वो अपनी छोटी बहन की ओर मुड़ा,,,,, फिर दोनों पास बैठकर ,,,,रिशेस का बचा हुआ नाश्ता खत्म करते है,,,,,,,
,,,,,,,दोनों हाथ पकड़ कर घर की ओर रवाना होते है,,,,बाय बाय सर जी,,,,लेकिन निशु उसको चुप करता है,,,,,,,
मैने यह दृश्य देखा तो हजारों विचार उमड़ पड़े,,,,,,,,,
,,,,,कितनी ताकत है गांधीजी के फोटो वाले इन कागजी टुकड़ों में जो इन प्राकृतिक रिश्तों में खलल डालने की क्षमता रखते है,,,,,,,,,,,,,,
क्यों हर शख्स पैसों का पूजारी बनता जा रहा है,,,,,
,,,,,क्या इन रिश्तों की कोई मार्केट वैल्यू हो सकती है,,,,एक बहन छोटी होने के बावजूद अपने भाई के लिए इतना सब कुछ करके खुश हो जाती है,,,,,,निस्वार्थ प्रेम,,,,उसमें उसको कुछ भी नहीं पाना,,,,,कुछ भी चाह नहीं,,,,,,,
,,,,,,,,,लेकिन सालों बाद हम उलझ जाते है इस मायावी सँसार के रंगो में,,,,,,,,,,,,जिद्द रखते है बड़े बंगले,,, बैंक बैलेंस,,,,, गाड़ी वगैरह ,,,,वगैरह,,,
,,,,,,दोस्तों इस वाकये के माध्यम से एक बात साफ हो रही है कि माँ की ममता,,,,पिता के समर्पण,,,, भाई के मन में छुपे हुए भ्रातृत्व,,,बहनों के राखी सूत्र में लिपटी हमारे सुरक्षित जीवन की दुआओं का कोई प्रिंट रेट नहीं होता,,,हमें इनकी सिर्फ फीलिंग पॉवर डिवेलप करने की आवश्यकता है,,,,,,,,,,,,,
याद रहे हम उस भारतवर्ष में है जहाँ की धरती मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एवं श्री कृष्ण की लीलाओं की गवाह रही है,,,,,,,,जीवन के तमाम उतार चढ़ावों का सामना करते हुए हमारे रिश्तों को हमें सँजो कर रखना है,,,,,,
" जीवन जिओ तो ऐसा जिओ,,जिसमे जीने की आस हो
थोड़ी कृष्ण की लीला हो,,,थोड़ा राम का वनवास हो "
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