जैसे ही मोबाईल आया है लेटर आने जाने बंद हो गये आज का व्यक्ति और विद्यार्थी भावना विहीन हो गये ,आपसी प्रेम दिखावा बन कर रह गया,मेहमान अब अतिथि नहीं रहे क्यों कि मोबाईल उनके आने की तिथि पहले से बता देता है,सच तो  यह हैं मित्रों की मोबाईल को अब वरदान कहे या श्राप , यह भी सोचना पड़ता है । 

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