अपनी बेटी की शादी के अनुरूप जीवन साथी ढूढने से पहले लड़के के बारे में थोड़ा सोचना जरूर चाहिए


किसी लड़की की शादी करना हो? लड़के के लड़की के माता-पिता को क्या देखना चाहिए? आप इतना कितना कमाता है? कौन सी जॉब में है इसका पैकेज क्या है, आप यही देखते हैं। इस की जाति कौन सी है, आप यही देखते हैं? इसके माता-पिता कौन
है?
परिवार फैमिली बैकग्राउंड क्या है? धोखे में आ जाओगे तब देखोगे तो मैं कहता हूं। फैमिली बैकग्राउंड अच्छी हो। फैमिली बैकग्राउंड दशरथ का बहुत अच्छा था। लेकिन कैकेयी   का चरित्र बहुत खराब था।  फैमिली बैकग्राउंड अच्छा होने से अच्छा होगा जरूर.
लेकिन मैं  आपको कहता हूं कि आप मेरी अपनी बेटी की शादी करना है। उसके हाथ पीले  करना है। उसका रिश्ता लेकर के जाना है तो ना घर देखना ना परिवार देखना ना आप यह देखना कितना कमाता है। आप तो यह देखना कि जिस लड़के से अपनी लड़की की शादी कर रही हूं,
उसके दोस्त कैसे हैं। उसके
यार कैसे हैं, उसके मित्र कैसे हैं। अरे पिता जैसा है बेटा वैसे ही होगा। कोई जरूरी नहीं है। माता जैसी है बेटा वैसे ही होगा। कोई जरूरी नहीं है। ध्यान रखना। बिल्कुल जरूरी है, दोस्त जैसे होंगे वेसा लड़का होगा । दोस्तों का बैकग्राउंड देखो। आप यह देखो किसके साथ उठता है, किसके साथ बैठता है, कहां जा रहा है  मां बाप से छुपकर काम करते है लड़के । लड़के के माता-पिता को पता नहीं चलता। दोस्त सड़कों पर बाहर क्या करते हैं। किसी भी बेटी की शादी करो तो लड़के के दोस्तों के बारे में जानकारी जरूर जान लेना। यदि लड़का अच्छा होगा तो अच्छे लोगों की संगति में उठता बैठता होगा। वह लड़का यदि खराब होगा तो गलत लोगों की संगति में पड़ता  आदमी के जैसे मां-बाप होते हैं। वैसा नहीं होता जैसे दोस्त होते हैं। आदमी वेसा हुआ
करता है। ध्यान रखिए
सीख दी है। मैंने आपको इस पर कोई ध्यान नहीं देता है।
अब बताइए ना?
सही गलत किसकी वजह से होता है।
बाप की वजह से
मां की वजह से नहीं। मेरे बेटा शराबी हो बाप नही चाहता है।
एक चोर ने भी यह सपना नहीं देखा होगा कि मेरा बेटा चोर बने हैं। कोई मां-बाप औलाद को चोर नहीं बनाते हैं। कोई माता-पिता  झूठ बोलना नहीं सिखाते हैं। कोई माता-पिता शराब पीना नहीं सिखाते हैं। कोई माता-पिता सिगरेट पीना नहीं सिखाते हैं। सिगरेट पीने वाला भी चाहता है कि मेरा बेटा सिगरेट का ना पिये ध्यान रखना मान्यवर। मालूम है सिगरेट पीना कौन सिखाता है,
दोस्त सिखाते हैं।
सबसे पहले शराब पीना, रिश्तेदार या मां बाप ने नहीं सिखाया। शराबी बाप भी नहीं सिखाता है कि बेटा तू पी ले ध्यान रखना। लेकिन सबसे पहले शराब पीना कोई सिखाता है तो दोस्त सिखाया करते हैं। सबसे पहले हाथ में सिगरेट तो मां-बाप और भाई के द्वारा नहीं। एक दोस्त के द्वारा हमारे हाथ में सिगरेट आती है। एक दोस्त के द्वारा हमारे जीवन में गलत चीजें आती हैं और जब आदमी का स्टेटस ऐसा बन गया है, सिगरेट नहीं पी है। शराब नहीं पिए तो क्या पिछड़ा हुआ आदमी दुनिया चांद पर पहुंच सकता क्या ? मैं तो कहता हूं यदि बिगाड़ने वाले दोस्तों से तो
बिना दोस्त की जिंदगी गुजार लो अच्छी हुआ
करती है, लेकिन ऐसे दोस्तों की संगति ना करो। हमारी जिंदगी को बर्बाद करके रख दिया करते हो। आप सोचिए जीवन में संगति का बहुत असर पड़ता है। एक पानी की बूंद जो आकाश से गिरती है। किसी नीम के पेड़ में चली जाए तो उसका स्वाद कैसा हो जाता है।
मेरे भाई बताइए,
कड़वा हो जाता है, नीम
नहीं जानते हैं।
बोलो ना जानते हैं नहीं तो मैं समझ जाता हूं। कुछ जानते ही नहीं आपके पेट में चला जाए तो उसका कड़वा हो जाता है। वही पानी की बूंद गन्ने के खेत में चली जाए तो बिजी हो जाया करती है। वहीं पानी की बूंद यदि केले के पेड़ में चली जाए तो कपूर बन जाया करती है। वहीं पानी की बूंद के सांप के मुँह चली जाए तो हलाहल जहर बन जाया करती है। वहीं पानी की बूंद नाली में चली जाए तो गंदी नाली हो जाती है। वही पानी की बूंद अली समुंदर में गिर जाए तो खाली हो जाती है। वही पानी की बूंद सीप के मुंह में चली जाए तो मोती बन कर के निकल जाया करती है।
संगति का फल कैसा होगा ।वो तो उसकी संगति पर निर्भर करता ।अगर अच्छी संगति होगी तो इंसान अच्छा बनेगा ।।
खराब संगति होगी इंसान अपनी जिंदगी तबाह करने का दोष किसी को नही दे सकता ।। उसका जिम्मेदार वो खुद होगा

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