अनिता नर्रे ने शौचालय नहीं होने पर छोड़ा था पति का घर, इन्हीं पर बनी फिल्म-टॉयलेट एक प्रेमकथा

अनिता नर्रे



 कहते हैं कि अगर महिलाए  कुछ करने की ठान ले तो अपनी मेहनत, लगन और सूझबूझ से उसमे सफल हो ही जाती हैं। ऐसी ही एक महिला है, जिन्होंने 80 के दशक  शौचालय ना होने की वजह से अपने ससुराल को छोड़ दिया था।


अनिता नर्रे वो महिला हैं जिनके जीवन पर फिल्म-टॉयलेट एक प्रेमकथा बनाई गई है, इस फिल्म में भूमि पेडनेकर ने अनिता नर्रे का किरदार काफी ही बेहतरीन तरीके से निभाया है। अनीता नर्रे की शादी मध्य प्रदेश में रहनेवाले शिवराम से हुई थी, उनके पति को ये इल्म ना था कि शादी के लगभग 3 दिन बाद उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली जाएंगी। जब अनिता नर्रे नई - नवेली दुल्हन बनकर अपने ससुराल आई तो उन्होंने देखा कि उनके घर में शौचालय ही नहीं है, उनके घर गांव की सभी महिलाए सुबह - सुबह खेत में जाती थी, लेकिन अनिता नर्रे को ये मंजूर नहीं था कि वो रोजाना सुबह के समय में उजाला होने से पहले बहार जाए।


 अनिता नर्रे ने शादी के लगभग तीन दिन बाद अपना ससुराल छोड़  और अपने पिता के घर चली गई, उनकी जिद थी कि जब तक उनके ससुराल में शौचालय नहीं बनेगा तब तक वो पति के घर लौट कर वापस नहीं आने वाली है। अनीता के घर छोड़कर जाने के बाद  ससुराल और समाज के लोगों ने काफी ज्यादा आलोचना भी की, लेकिन अनिता नर्रे के पति ने भी ठान लिया था कि अब चाहें कुछ भी हो जाएं वो अपनी पत्नी के लिए घर में शौचालय बनवाकर ही दम लेंगे।


फिर क्या था अपनी पत्नी को घर वापस लाने के लिए उनके पति ने परिवार और समाज को महिलाओं की इस समस्या को लेकर खुलकर बात करनी शुरू की, पहले तो गांव वाले घर में टॉयलेट बनाने के खिलाफ थे, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें समझ में आने लगा की घर में शौचालय होना बेहद ही जरुरी है,ताकि महिलाए सुरक्षित महसूस कर सके। सभी की मंज़ूरी के बाद अनिता नर्रे के पति ने घर में टॉयलेट बनाया और इसके बाद बड़े ही प्यार से वो अपनी पत्नी को लेकर वापस घर आए। अब अनिता अपने पति के साथ खुशहाल ज़िंदगी जी रही हैं। अनिता के एक फैसले ने देश की लाखों महिलाओं को शौचालय की ज़रूरत जैसे मुद्दे पर खुलकर बोलने का हौसला मिला।

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